Month: March 2020

  • कहानी बस थोड़ी एक सी होती है

    आज जब अपनी कहानी लिखने कलम उठाई जैसे,लगा लिखे शब्दों पर फिर से कलम चल रही थी जैसे। कल जो ठोकर खाकर घाव मेरे सिर पर पड़ा है,वैसा ही जैसा पापा के सिर पर कबसे खड़ा है। वह भी तो अपने कुछ ख़्वाबों को लेकर दूर चले होंगे,अपना खून सींच अपना जग में नाम बनाते…