Month: March 2012

  • लिखने चला हूं – कलम

    अभी पिछले पन्नें की स्याही तो सूखी नहीं है,पर एक और पन्ना लिखने चला हूँ। चाहें मैं लिखूँ वही सब,जो पहले भी लिखा है,या फिर कुछ नया।क्या लिखने वाला हूँ, पता नहीं,पर एक और पन्ना लिखने चला हूँ || हर एक अक्षर है मेरे बढ़ते कदम मौत की ओर,फिर भी ख्वाहिश है दिल में और…