Month: July 2018

  • चश्म-ए- बददूर

    भाई के बारे में बताऊं तो… कद थोड़ा छोटा, रंग ज़रा सा सांवला था,दूर की नजर कमजोर थी, चश्मा लगाता था। मम्मी ना हो तो शैतान, हो तो बेचारा बन जाता था,लड़ाई हो जब भी, में गेंद, वह बॆट बन जाता था। वैसे तो वह हररोज कोई नई शामत ले आता था,कभी गब्बर की खिड़की,…