Category: Non-technical
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Bye 2022: 30 things I believe are true
Another year gone in a 🫰. The year I turned 30. Like most people my age (e.g. Lucile Randon), thought I should preach some.
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ઉતાવળ હો જ્યારે, બારણાં વખાય નહિ
લખવા બેસો જ્યારે, ત્યારે જ લખાય નહિ
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એ રમતની મજા કંઈ ઑર
જેમાં હાર સાબિત છે
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સમજાવી નહિ શકું
કહી દો, સમયની માંગ છે
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કબૂલ કર્યો ડૂબવાનો અંજામ, સહારો મળી ગયો
નાખુદા ગણો કે કશ્તી, જોઈ કિનારો વળી ગયો
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तेरा ख़्याल वो शायरी है
जो वक्त के बंधनों को तोड़कभी भी जुबां पर चली आती है जिसे जानते शायद कई लोग हैमगर जहन में मेरे उतर जाती है जो खुद चाहे बहर में हो न सहीइक खुशी की लहर ले आती है जिसे गैरो से छुपाए रखना है मुझेफिर भी खुद ही बयां हो जाती है
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फरोशी
इक खुद दर्द सहकर दूसरे को खुशी दे जाती हैदूसरी खुद भी परेशां, दूसरों को भी कर आती है मुंह छुपाती रहती है इक लोगों के जाने के डर सेऔर वो पहचान, वाहवाही दूसरों से करवाती है मयस्सर होती है इक खुफिया कुछ ठिकानों मेंदूजी गम, जाम और आवामो में पाई जाती है इक में…
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September 18, 2022
Just another random, incoherent blob of thoughts
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A start-up?
Finding love is like a startup: You don’t know if it is the one but you need to put your heart and soul into it. If you’re having backups, it’s going to shatter one day or another. You have enough contention and knowledge where it can go wrong, you still do it anyway. You will…
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अधूरी ख्वाहिशें तरसती हैं उनके जाने के बाद
अधूरी ख्वाहिशें तरसती हैं उनके जाने के बादथमी सांसे चलने लगती हैं उनके जाने के बाद आसमान खुला लगने लगा था उनके होने पेमोहब्बत कमबख्त बरसती है उनके जाने के बाद सुना है महेफिले सजा करती है मेरे जाने के बादजुल्फें भी बिखरती होगी अब मेरे जाने के बाद गम के बादल बिखरा करते थे…