कभी कभी सोचता हूं, छोड़ दूं
कभी कभी सोचता हूं, छोड़ दूं छोड़ दूं वो आखरी कील कोने की,जिस के बिना मेज़ है पूरा और नहीं भी मान लूं गलतियां सारी लेकिन छोड़ दूंइक अहम, जिसे अपना जुनून कह सकूं छोड़ दूं कुछ जिंदगी के अरमान बाकी,अगली पीढ़ी के गर्व करने खातिर ही सही जीत लूं मैं पूरी दुनिया लेकिन छोड़…
Jan 14, 2023 : Arugula vs Creosote
They met a few hours ago. It was a botany workshop and the instructor shared some of her knowledge with the new class about different plants. It was a bit weird to hear one another’s characteristics and introduction from someone else. By the time the room was empty, every plant already knew everything about the…
Bye 2022: 30 things I believe are true
Another year gone in a 🫰. The year I turned 30. Like most people my age (e.g. Lucile Randon), thought I should preach some.
ઉતાવળ હો જ્યારે, બારણાં વખાય નહિ
લખવા બેસો જ્યારે, ત્યારે જ લખાય નહિ
એ રમતની મજા કંઈ ઑર
જેમાં હાર સાબિત છે
સમજાવી નહિ શકું
કહી દો, સમયની માંગ છે
કબૂલ કર્યો ડૂબવાનો અંજામ, સહારો મળી ગયો
નાખુદા ગણો કે કશ્તી, જોઈ કિનારો વળી ગયો
तेरा ख़्याल वो शायरी है
जो वक्त के बंधनों को तोड़कभी भी जुबां पर चली आती है जिसे जानते शायद कई लोग हैमगर जहन में मेरे उतर जाती है जो खुद चाहे बहर में हो न सहीइक खुशी की लहर ले आती है जिसे गैरो से छुपाए रखना है मुझेफिर भी खुद ही बयां हो जाती है
फरोशी
इक खुद दर्द सहकर दूसरे को खुशी दे जाती हैदूसरी खुद भी परेशां, दूसरों को भी कर आती है मुंह छुपाती रहती है इक लोगों के जाने के डर सेऔर वो पहचान, वाहवाही दूसरों से करवाती है मयस्सर होती है इक खुफिया कुछ ठिकानों मेंदूजी गम, जाम और आवामो में पाई जाती है इक में…
Possibilities for story of a traveller
Let’s do a thought experiment or scenario generation for how a story could go for a young traveler. Preface: A young traveler is in city A and has decided that he wants to march towards city B. The options he has are Go alone and figure out the way Find someone who’s also going in…