बिछड़ने से ज़रा पहले
ईक बार मश्क ही कर लेते,
वैसे ही जैसे हर बार किया करते थे।
कि बाहर निकले गर तो करना क्या है,
मैं मामा का बेटा बनूंगा या तुम चचेरी बहन।
दीवार कूदने में लगी चोट को ढकना कैसे हैं,
और पता चल जाने पर कहना क्या है॥
तुम्हारे घर पहली बार जाने पर पहनना क्या,
मिलना क्या और दावत पर खाना कैसे है।
रेलगाड़ी के सामने कूदने से पहले बस ईक बार,
मश्क कर लेते कि बिछड़ना कैसे है॥
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