Month: April 2019

  • अखबार सा

    कभी लगता है जग मैं मुझे छोड़सब ज्ञानी है, दुनियादारी समझते हैं,शायद हर रोज़ अखबार पढ़ते है । पर अखबार के बारे में सोचो तो,ज्ञान का भंडार, दुनिया का आईना,पर जिंदगी मानो सिर्फ ईक दिन की,कल उसकी जगह नया अखबार लेगा । और बस कहीं कोने में वह बैठा मिलेगा,कोई एक मामूली कागज़ की तरह…

  • ईक और दिन आज बीत गया

    ईक और दिन आज बीत गयाईक और रात आज जाएगी ।आज फिर दिन शुरू हुआ था दोपहर सेयह बात अब पूरा सप्ताह सताएगी ॥ याद तक नहीं सूरज का ढलना,जिंदगी बस कट रही है, जी नहीं जा रही ।न जाने कब शाम मुझे, बेवजह टहलता पायेगी । पर मना लेता हूं खुद को हर बार,सिर्फ…