अब खूनी तो मत कहो, उड़ना था उसे,
मैंने बस थोड़ी हवा की सैर करवाई थी।
बड़ी ही ख़ूबसूरत थी, चंचल भी थी थोड़ी,
नामुमकिन नहीं था कुछ भी उसके लिए,
बताया था उसने की घूमना पसंद है उसे,
और काफी जगह घूम चुकी है पहले से ।
बस हवा की सैर करना था उस एक बार,
काश बता दिया होता, अपने बारे में उसने,
मछली होना भी कोई गुनाह है भला?
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