वक्त की उम्मीद में वक्त बर्बाद किया है सिर्फ भूलनेवालो को हमने याद किया है
आज या अंजाम की परवाह रही न थी फुसफुसाए तो जाना क्या रूदाद किया है
कुछ महसूस करना, अंदर ही मुस्कुराना ये हादसा न जाने अरसों बाद किया है
कब तक कैद रखता यादों में हसित आज़ाद पंछी को अब आज़ाद किया है
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