वक्त की उम्मीद में वक्त बर्बाद किया है

वक्त की उम्मीद में वक्त बर्बाद किया है
सिर्फ भूलनेवालो को हमने याद किया है
आज या अंजाम की परवाह रही न थी
फुसफुसाए तो जाना क्या रूदाद किया है
कुछ महसूस करना, अंदर ही मुस्कुराना
ये हादसा न जाने अरसों बाद किया है
कब तक कैद रखता यादों में हसित
आज़ाद पंछी को अब आज़ाद किया है

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