धुल नही पाया दिल, मगर लगा कोई गुलाल नहीं है
दुख तो है उस बात का मगर कोई मलाल नहीं है
तड़प रहा हूं देने को जवाब मैं जिसे अरसों से
मिला वो आज मगर अब कोई सवाल नहीं है
चाहा है बहुतों ने और जरूरत से बहुत ज्यादा
मगर लगता है उस जैसा कुछ कमाल नहीं है
खोया था शक्श मगर खुशबू संभाल रखी थी
भूलता जा रहा हूं और अब कोई रुमाल नहीं है
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