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  • नहीं है

    धुल नही पाया दिल, मगर लगा कोई गुलाल नहीं हैदुख तो है उस बात का मगर कोई मलाल नहीं है तड़प रहा हूं देने को जवाब मैं जिसे अरसों सेमिला वो आज मगर अब कोई सवाल नहीं है चाहा है बहुतों ने और जरूरत से बहुत ज्यादामगर लगता है उस जैसा कुछ कमाल नहीं है…

  • अचानक

    उछल रहा था कल तक, अचानक भारी सा क्यों हैंभरा हुआ है अगर दिल, लग रहा खाली सा क्यों हैं हर हर्फ में महोब्बत महकती थी उनके कभीहर अल्फाज आज उनका गाली सा क्यों हैं समझा लिया है सारी आवाम को अपनी बातों सेमगर फिर भी वो इक शख्स खयाली सा क्यों है उनसे नज़रे…

  • सोचता हूं

    लिख दूं उन्हें जब भी उनकी याद आती हैबता दूं मेरे कितना पास हो अब भी बहुत सा सीखा है मैंने जो वक्त साथ बीताबता दूं मेरी आदतों में खास हो अब भी यादें मिटाने की कोशिश भला मूर्खता होगीबता दूं क्या, जिंदगी की बुनियाद हो अब भी मुकम्मल क्यों नहीं होता वो सब जो…

  • कुछ यूँ ही

    Mother’s day का दिन था, कुछ यूँ ही पढ़ रहा था कुछ शेर और अलफ़ाज़, शायद कोई और कह पाया हो जो मैं कभी शब्दों में कह न सका। चलती फिरती हुई आँखों से अज़ाँ देखी है मैं ने जन्नत तो नहीं देखी है माँ देखी है मुनव्वर राना दुआ को हात उठाते हुए लरज़ता…

  • कोई तो रोक लो

    फिसल रहा है दिल फिर उस गली में, कोई तो रोक लो घुल रही है बारिश की बूंदे फिर नदी में, कोई तो रोक लो हालातों सी मधुमक्खियां चुरा जाती है खुशियां मेरी ये जिंदगी की खुशबू को फैलने से कोई तो रोक लो ख्वाब और उम्मीदें गुनगुनाते रहते है दिन भर यहां रात को…

  • वक्त की उम्मीद में वक्त बर्बाद किया है

    वक्त की उम्मीद में वक्त बर्बाद किया है सिर्फ भूलनेवालो को हमने याद किया है आज या अंजाम की परवाह रही न थी फुसफुसाए तो जाना क्या रूदाद किया है कुछ महसूस करना, अंदर ही मुस्कुराना ये हादसा न जाने अरसों बाद किया है कब तक कैद रखता यादों में हसित आज़ाद पंछी को अब…

  • तेरा ख़्याल वो शायरी है

    जो वक्त के बंधनों को तोड़कभी भी जुबां पर चली आती है जिसे जानते शायद कई लोग हैमगर जहन में मेरे उतर जाती है जो खुद चाहे बहर में हो न सहीइक खुशी की लहर ले आती है जिसे गैरो से छुपाए रखना है मुझेफिर भी खुद ही बयां हो जाती है

  • अधूरी ख्वाहिशें तरसती हैं उनके जाने के बाद

    अधूरी ख्वाहिशें तरसती हैं उनके जाने के बादथमी सांसे चलने लगती हैं उनके जाने के बाद आसमान खुला लगने लगा था उनके होने पेमोहब्बत कमबख्त बरसती है उनके जाने के बाद सुना है महेफिले सजा करती है मेरे जाने के बादजुल्फें भी बिखरती होगी अब मेरे जाने के बाद गम के बादल बिखरा करते थे…

  • नन्हे बालक की चिड़िया

    मैं बालक नन्हा, नादानी में, चिड़िया लेकर आया हूं। क्या बतलाउ उस चक्कर में फिर कितना पछताया हूं ॥ उसको भाए ये मन मेरा, मैं उसके गीत पे पगलाया हूं। आई है मर्ज़ी से अपने, न कुछ समझाया फुसलाया हूं॥ चाहे वक्त की बारिश हो या हो छींटे अनबन के, मैं हमेशा उसका भीगा छाता…

  • कोरोना काल

    काम नहीं है अब तो कोई क्यों न इक काम किया जाए।करते है जो काम, क्यों न उन्हें ही बदनाम किया जाए॥ प्रशासन कुछ भी न कर पाए चलो माना वह वाजिब है।कमाई की तिहाई देने वालो से क्यों न उम्मीद किया जाए॥ जान का जोख़िम है माना, उसमे भी भला बुराई है कोई क्या…