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  • दिया

    बताने की पहले भी कोशिश कर चूका हूं।नज़दीकी सब को तबाह कर चुका हूं ॥ मुझे उजालों से ही याद रखना ए दुनिया,झांक न लेना जो अंधेरा छुपाए रखा हूं। ज़रूरत न पूछो, उसके बिना न ज़िंदा हूं,और न आंधी भी उसकी बर्दास्त कर रहा हूं । ज़हर घुल रहा है ज़िंदगी में मेरी बूंद…

  • कुछ बच्चे भी ना

    नहीं जानता किस बात का उन्हें इतना तो नाज़ है,जादूगर है, बिना कुछ किये भी वह मशरूफ रहते है। इक काम जो कर लो, चिल्लाते रहते हो दिन भर,वह तुम्हारे बोज़ के साथ पूरी दुनिया चलाती थी। दिनभर दाद देते रहते हो तस्वीरों की झुर्रियों को,सामने चहेरे पर शिकन गाढ़ी हो रही है अरसे से।…

  • सच या झूठ

    हररोज की तरह मैं कमरे में तन्हा सा,खुद के वजूद के बारे में सोच रहा था।कोई और भी था, झूठ नाम था उसका। जो सच नहीं है, वह सब झूठ ही है क्या?वह परियों की कहानियां सारी,वह अफसाने जिनमें मौत भी चलती है,दौड़ती है, बातें करती हैं?हाथी चींटी के वह सारे चुटकुले,जिन्हें सुनकर में मायूसी…

  • रात

    जल गए सारे, जो भी मैं धूप में सेक रहा था,सपने जो कल अंधेरे में हमने देख रखें थे।मैं कबसे अपने क़िस्मत को कोसता सोच रहा हूं,तुम भी चुपके से साथ में मेरे बैठ चुकी हो। तुम भी तो अपने सूरज को देखकर छुप जाती हो,मैं भी अपने सच से मुंह छिपाता फिर रहा हूं,मैंने…

  • कहानी बस थोड़ी एक सी होती है

    आज जब अपनी कहानी लिखने कलम उठाई जैसे,लगा लिखे शब्दों पर फिर से कलम चल रही थी जैसे। कल जो ठोकर खाकर घाव मेरे सिर पर पड़ा है,वैसा ही जैसा पापा के सिर पर कबसे खड़ा है। वह भी तो अपने कुछ ख़्वाबों को लेकर दूर चले होंगे,अपना खून सींच अपना जग में नाम बनाते…

  • चिड़िया vegan बनना चाहती है

    नन्ही सी चिड़िया vegan बनना चाहती है,सुना है कि कीड़े खाने से warming बढ़ती जाती है,चावल में तो carb है, slim रहने का ख्वाब है,Cult से मंगवा नहीं सकती, बाप भी न‌ कोई नवाब है,lentil पड़ोसी के पास है मगर उनके Ally कोई और है,United nests में जाएं, मगर वहां भी trade war है,दूर जाकर…

  • नींद

    आज भी आने में देर कर दी तुमने काफ़ी,रात रात भर कहां रहती हो, बताओ,परसों पूरी रात मैंने इंतज़ार में काटी मैंने,मेरा हाल क्या होगा, यह खयाल नहीं आया? भूल गई क्या वो सारी राते,बातें तो नहीं होती थी, फिर भीमुझे कितना अच्छे से जानती थी,शाम का ढलना, तुम्हारा चुपके से नजदीक आ जाना,पीछे से…

  • भिजवा देना

    हेलो… इससे पहले कि तुम गुस्सा हो,हां, मालूम है कॉल करना मना था,शब्दशः याद है अब तक, जो तय हुआ था, “आज से तुम्हारे सारे गिले तुम्हे ही मुबारक,मेरे शिकवे अब सिर्फ मेरे हुए,ना मैं तुम्हें पुकारूंगा, ना तुम मुड़कर देखोगी,सारे तोहफे खैरात में बांटे जाएंगे,उन रेसटोरेंट्स किसी के भी साथ नहीं जाए जाएंगे,पीली हो…

  • धरती

    कभी कभी मैं यह सोचता हूं,शायद वह कैसे हुआ होगा? शायद वह बारिश ही होगी,जब वह ज़ूम उठी होगी,हरियाली सी‌ छा गई होगी,मुस्कान भी हल्की सी आ गई होगी। जब धरती से ही पाया हुआ अम्रत,धरती ने महिनों बाद वापस पाया होगा,उन सूखे से महिनों में कैसे अंबर नेज़मीं को अपना प्यार जताया होगा ?…

  • मछली

    अब खूनी तो मत कहो, उड़ना था उसे,मैंने बस थोड़ी हवा की सैर करवाई थी। बड़ी ही ख़ूबसूरत थी, चंचल भी थी थोड़ी,नामुमकिन नहीं था कुछ भी उसके लिए,बताया था उसने की घूमना पसंद है उसे,और काफी जगह घूम चुकी है पहले से । बस हवा की सैर करना था उस एक बार,काश बता दिया…