Tag: poem

  • नहीं है

    धुल नही पाया दिल, मगर लगा कोई गुलाल नहीं हैदुख तो है उस बात का मगर कोई मलाल नहीं है तड़प रहा हूं देने को जवाब मैं जिसे अरसों सेमिला वो आज मगर अब कोई सवाल नहीं है चाहा है बहुतों ने और जरूरत से बहुत ज्यादामगर लगता है उस जैसा कुछ कमाल नहीं है…

  • अचानक

    उछल रहा था कल तक, अचानक भारी सा क्यों हैंभरा हुआ है अगर दिल, लग रहा खाली सा क्यों हैं हर हर्फ में महोब्बत महकती थी उनके कभीहर अल्फाज आज उनका गाली सा क्यों हैं समझा लिया है सारी आवाम को अपनी बातों सेमगर फिर भी वो इक शख्स खयाली सा क्यों है उनसे नज़रे…

  • सोचता हूं

    लिख दूं उन्हें जब भी उनकी याद आती हैबता दूं मेरे कितना पास हो अब भी बहुत सा सीखा है मैंने जो वक्त साथ बीताबता दूं मेरी आदतों में खास हो अब भी यादें मिटाने की कोशिश भला मूर्खता होगीबता दूं क्या, जिंदगी की बुनियाद हो अब भी मुकम्मल क्यों नहीं होता वो सब जो…

  • कोई तो रोक लो

    फिसल रहा है दिल फिर उस गली में, कोई तो रोक लो घुल रही है बारिश की बूंदे फिर नदी में, कोई तो रोक लो हालातों सी मधुमक्खियां चुरा जाती है खुशियां मेरी ये जिंदगी की खुशबू को फैलने से कोई तो रोक लो ख्वाब और उम्मीदें गुनगुनाते रहते है दिन भर यहां रात को…

  • वक्त की उम्मीद में वक्त बर्बाद किया है

    वक्त की उम्मीद में वक्त बर्बाद किया है सिर्फ भूलनेवालो को हमने याद किया है आज या अंजाम की परवाह रही न थी फुसफुसाए तो जाना क्या रूदाद किया है कुछ महसूस करना, अंदर ही मुस्कुराना ये हादसा न जाने अरसों बाद किया है कब तक कैद रखता यादों में हसित आज़ाद पंछी को अब…

  • ઉતાવળ હો જ્યારે, બારણાં વખાય નહિ

    લખવા બેસો જ્યારે, ત્યારે જ લખાય નહિ

  • એ રમતની મજા કંઈ ઑર

    જેમાં હાર સાબિત છે

  • સમજાવી નહિ શકું

    કહી દો, સમયની માંગ છે

  • કબૂલ કર્યો ડૂબવાનો અંજામ, સહારો મળી ગયો

    નાખુદા ગણો કે કશ્તી, જોઈ કિનારો વળી ગયો

  • तेरा ख़्याल वो शायरी है

    जो वक्त के बंधनों को तोड़कभी भी जुबां पर चली आती है जिसे जानते शायद कई लोग हैमगर जहन में मेरे उतर जाती है जो खुद चाहे बहर में हो न सहीइक खुशी की लहर ले आती है जिसे गैरो से छुपाए रखना है मुझेफिर भी खुद ही बयां हो जाती है